Sitavan and the Hunters – सीतावन और शिकारी – Technology Story
Sitavan and the Hunters – सीतावन और शिकारी – Technology Story
हिंदी में कहानी
सीतावन जंगल अपने विकास और खुशहाली के लिए प्रसिद्व था। वहाँ सभी जानवर ख़ुशी से रह रहे थे। लेकिन अचानक वहाँ उन शिकारीयों का भय छाने लगा जो जंगल में आकर भोले–भाले जानवरों लो मारने लगे।
सभी जानवर बहुत डरे हुए थे और अपना काम अच्छी तरह नहीं कर पा रहे थे। इसी समस्या को लेकर वे शेर राजा के पास गये।
“महाराज हमें बचाओ,” उन्होंने शेर से कहा।
शेर राजा भी असहाय था। “हमारे लिए शिकारीयों का सामना करना कठिन है क्योंकि उनके पास सदा हथियार होते हैं,” शेर ने कहा।
लेकिन उसने इस समस्या का हल जानने के लिए जानवरों की एक सभा बुलाई। उस सभा में हमेशां की तरह चालाक बन्दर ने एक अच्छी सलाह दी।
“हम जंगल के हर तरफ कुछ कैमरे लगा देंगे। जब शिकारी जंगल के भीतर आने लगेंगे, यह कैमरे हमें हमारे नियंत्रण कक्ष में लगे मॉनीटरों पर उनके चित्र दिखा कर सूचित कर देंगे और हम सबको ख़तरे की सूचना दे देंगे,” बंदर ने कहा।
शेर और दूसरे जानवर संतुष्ट थे। जंगल के बाहर एक सीमा बनाई गयी। इसे नियंत्रण रेखा कहा गया। जैसा बंदर ने सुझाव दिया था, नियंत्रण रेखा को देखने के लिए पेड़ों के ऊपर कैमरे लगाए गये।
यह कैमरे उन सबके चित्र जंगल के नियंत्रण कक्ष में भेजने लगे जो नियंत्रण रेखा को पार करके जंगल में प्रवेश करते थे। क्योंकि ड्यूटी पर तैनात जानवर सदा मॉनीटरों पर नज़र रख रहे थे, वे ऊँची घंटी बजा कर सबको ख़तरे की सूचना दे देते थे। इस तरह सब जानवर छिप जाते थे।
शिकारी जंगल में किसी जानवर को देख नहीं पाते थे। वे छिपे हुए कैमरों को भी नहीं देख सके। घंटों प्रतीक्षा करने के बाद और थक कर वे अपने घर वापिस चले जाते थे। छिपे हुए कैमरे शिकारीयों के जाने की सूचना भी दे देते थे ताकि जानवर बाहर आ सकें।
धीरे–धीरे शिकारीयों ने उस जंगल में आना बंद कर दिया। और जानवर फिर से शान्तिपूर्वक रहने लगे।
टेक्नालजी: कम्प्यूटर से निगरानी – इस टेक्नालजी का उपयोग संवेदनशील क्षेत्रों में कम्प्यूटर और डिजिटल कैमरों के द्वारा दूर से निगरानी के लिए किया जाता है।
Story by Rakesh Raman
Sitavan and the Hunters – सीतावन और शिकारी – Technology Story
Story in English
The Sitavan forest was known for its prosperity and progress. All the animals were living happily there. But suddenly it started facing the threat of some hunters, who would come in the forest and kill the innocent animals.
All the animals were quite scared, and were not able to do their work properly. With this problem, they approached the lion king.
“King, please save our lives,” they appealed.
The lion king too was helpless. “It’s difficult for us to face the hunters as they are always armed with weapons,” the lion said.
However, he called a meeting of the animals to discuss this problem. During the meeting, as usual the clever monkey gave a good suggestion.
“Let’s fix a few cameras in all the directions outside the forest. As soon as the hunters enter, the cameras would send their images on the monitors fixed in our internal control room, and we would raise the alarm,” the monkey gave the solution.
The lion as well as the other animals were satisfied. An outer boundary was fixed around the forest. It was called the ‘control line’.
As suggested by the monkey, cameras were fixed very high on the trees to guard the ‘control line’. These cameras were able to quickly send pictures in the forest’s control room of all who would cross the ‘control line’ to enter the forest.
Since the animals on duty were regularly watching the monitors, they would send an alert to all animals by ringing loud bells. Thus, all the animals would go to their hidings.
The hunters were not able to find any animal in the forest. Also, they could not see the hidden cameras. After waiting for hours and getting tired, they would go back to their homes.
The fixed cameras would again inform about the hunters’ departure so that the animals could come out. Slowly, the hunters stopped coming to that forest. And the animals once again started living peacefully.
Technology: Computer-Based Surveillance – This technology is used to remotely observe sensitive areas using electronic equipment like computers and digital cameras.
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Story by Rakesh Raman