शिक्षा का सुधार: आईये सुने अरविन्द केजरीवाल जी के मन की बात
स्कूल के कमरे बढ़ाने से शिक्षा का सुधार नहीं हो सकता। उससे तो आप सिर्फ जनता का पैसा बर्बाद कर रहे हो। जब सारा पाठ्यक्रम, सारी किताबें, और सारे अनपढ़ टीचर बदले जाएंगे, तभी होगा शिक्षा का सुधार।
By Rakesh Raman
मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। आपने अपने प्रिय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के मन की बात तो कई बार सुनी होगी। अब बिल्कुल मोदी जी की तरह ही अरविन्द केजरीवाल भी अपने मन की बात सुनाने लगे हैं।
जिन लोगों ने अरविन्द केजरीवाल का नाम कभी नहीं सुना, उनकी जानकारी के लिए यह बताना आवश्यक है कि केजरीवाल जी दिल्ली के मुख्य मंत्री हैं। कुछ साल पहले यह दिल्ली की करीब हरेक गली में धरना लगा देते थे और बिना वज़ह दूसरों पर कीचड़ उछालते थे।
दिल्ली के लोगों को इनकी यही अदा पसंद आ गई और 2015 में इनकी आम आदमी पार्टी (AAP) को वोटें देकर जिता दिया। और देखते ही देखते केजरीवाल मुख्य मंत्री बन बैठे। धरना देने और दूसरे लोगों को बिना वज़ह गालियां देने के इलावा केजरीवाल जी की सब से बड़ी खूबी झूठ बोलकर लोगों को धोखा देना है।
वैसे तो भारत की राजनिति में झूठ बोलना एक राजनितिक गुण माना जाता है, लेकिन झूठ बोलने में केजरीवाल जी के पास एक अद्धभुत शक्ति है। बस भगवान की देन मान लीजिए। इतनी अच्छी तरह से झूठ बोलते हैं केजरीवाल कि इनके झूठ के सामने सच को भी शर्म आ जाए।
मेरा मानना है की यदि कोई ऐसा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार है जो कम से कम समय में अधिक से अधिक झूठ बोलने के लिए हो तो वह निश्चित ही श्री केजरीवाल को मिलेगा। क्या है कोई ऐसा पुरस्कार? हो तो बताइयेगा जरूर।
अब तो केजरीवाल जी ने लगातार एक साँस में दो घंटे झूठ बोलने के लिए एक नया आडंबर रच दिया है। इसको नाम दिया गया है – “Talk To AK” या अरविन्द केजरीवाल से बात करो। इस प्रोग्राम को रविवार, 17 जुलाई, को केजरीवाल जी ने खुद पेश किया।
इस प्रोग्राम के बारे में केजरीवाल जी ने कहा की जनता उनसे फोन या वेबसाइट पर स्वाल पूछेगी और वे साक्षात्कार प्रकट होकर लोगों के सवालों का जवाब देंगे। और दिए।
मुझे भी यह प्रोग्राम देखने का और केजरीवाल जी के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। क्या बताऊँ मैं तो केजरीवाल जी के झूठ बोलने की क्षमता को देख कर दंग रह गया।
“Talk To AK” प्रोग्राम में से केजरीवाल जी के झूठ के कुछ अंश यहाँ बता रहा हुँ।
Education – शिक्षा
केजरीवाल जी ने कहा कि दिल्ली के स्कूलों की शिक्षा का स्तर उनकी सरकार ने सुधार दिया है। इससे बड़ा झूठ हो नहीं सकता। आज दिल्ली के स्कूल – स्कूल नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के ट्रेनिंग सेंटर की तरह चल रहे हैं।
टीचर (अध्यापक) क्लास में आते नहीं, जो आते हैं वो पढ़ाते नहीं। बहुत से टीचर पढ़ा सकते नहीं क्योंकि उन्हें पढ़ाना आता नहीं। परीक्षा में टीचर स्टूडेंट्स को नक़ल खुद करवाते हैं।
और क्लास में पढ़ाने की बजाय टीचर बच्चों को प्राइवेट ट्यूशन पढ़ने के लिए कहते हैं जो एक अपराध ही नहीं बल्कि एक समाजिक बुराई भी है। अगर स्टूडेंट्स ने प्राइवेट ट्यूशन ही पढ़नी है तो दिल्ली सरकार स्कूल टीचरों को किस बात के पैसे देती है?
यह टीचरों का भ्रष्टाचार नहीं तो और क्या है? जो टीचर स्टूडेंट्स को नक़ल करके पास करवाते हैं वह चोरी नहीं तो और क्या है? क्यों नहीं केजरीवाल जी की सरकार ऐसे भृष्टाचारी टीचरों को स्कूल से निकाल कर जेल में डाल देती? क्यों नहीं केजरीवाल जी की सरकार ऐसे बच्चों को स्कूल से निकाल देती जिन्हे कुछ नहीं आता और जो पढ़ाई के नाम पर कलंक हैं?
तो क्या है शिक्षा का सुधार? स्कूल के कमरे बढ़ाने से शिक्षा का सुधार नहीं हो सकता। उससे तो आप सिर्फ जनता का पैसा बर्बाद कर रहे हो। जब सारा पाठ्यक्रम, सारी किताबें, और सारे अनपढ़ टीचर बदले जाएंगे, तभी होगा शिक्षा का सुधार।
यदि आप शिक्षा के घटिया स्तर के बारे में और जानना चाहते हैं तो निचे दिए गये आर्टिकल को पढ़ें।
[ क्या आप भी अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशान हैं? ]
और केजरीवाल जी के झूठ का एक और नमूना उस वक्त सामने आया जब उन्होंने कहा कि स्कूलों के शौचालय जो बंद रहते थे और बच्चों को उसके लिए अपने घर जाना पड़ता था, दिल्ली सरकार ने खुलवा दिए हैं। लेकिन शौचालय तो अभी भी बंद रहते हैं। जिस बात में झूठ की बिल्कुल भी जरुरत नहीं, वहाँ भी झूठ।
Dirty Delhi – दिल्ली की गंदगी
फिर आई बात दिल्ली की गंदगी की। आज दिल्ली दुनिया का सबसे ज्यादा प्रदूषित और शायद सबसे गंदा शहर है। जिस दिल्ली में टुरिज़म बढ़ाने की बात हो रही है, वहाँ हर जगह गली के कुत्ते गंद फैला रहे हैं।
लेकिन केजरीवाल जी ने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली की गंदगी साफ़ नहीं कर सकती क्योंकि यह तो दिल्ली नगर निगम (MCD) का काम है जो उनकी विरोधी पार्टी भाजपा चलाती है।
उसी तरह केजरीवाल जी ने कहा कि दिल्ली की कई टूटी सड़कें ठीक नहीं करवा सकते क्योंकि यह भी दिल्ली नगर निगम (MCD) का काम है।
लेकिन यह बात तो आप को चुनाव से पहले वोटें मांगते वक्त सच–सच दिल्ली वासियों को बतानी चाहिए थी। अब हमें क्यों यह तकनिकी दलीलें देकर केजरीवाल जी उलझा रहे हैं?
अगर भाजपा का नगर निगम (MCD) आपको काम नहीं करने देता तो क्यों नहीं लगा देते धरना उसके विरुद्ध ताकि दिल्ली साफ़ हो सके? यह तो आपका दिल्ली वासियों के प्रति कर्तव्य है। पहले भी तो आप बात–बात पर धरना लगा देते थे। क्या कुर्सी मिलते ही दिल्ली वासियों को भूल गए?
Corruption – भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार दिल्ली में बढ़ता जा रहा है। भ्रष्टाचार अब सिर्फ सरकारी दफ्तरों तक ही सिमित नहीं बल्कि लोगों के घरों में घुस गया है।
उदाहरण के लिए आज़ दिल्ली की 2 करोड़ जनसंख्या का एक बहुत बड़ा हिस्सा ग्रुप हाउसिंग सोसाइटीज में रहता है जहाँ की मैनेजिंग कमेटियाँ भ्रष्टाचार से लिप्त हैं।
हालाँकि दिल्ली सरकार कहती है कि पानी मुफ्त दिया जा रहा है, जिस घर के पुरे महीने के पानी का सेवन न के बराबर है, आज उससे भी मैनेजिंग कमेटियाँ हजारों रूपये ऐंठ रही हैं। पानी के नाम पर लोगों को लूटा जा रहा है।
यह मैनेजिंग कमेटियाँ इतनी बेकाबू हो गई हैं कि कोर्ट के आर्डर तक को नहीं मानती। जैसे कि दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि एक फ्लैट वाला सोसाइटी में सिर्फ एक कार खड़ी कर सकता है। लेकिन मैनेजिंग कमेटियाँ तो कोर्ट भी अँधेरे में रख कर लोगों को कई कारें खड़ी करने दे रही हैं। साथ में ज्यादा कारें ज्यादा प्रदूषण फैला रही हैं।
इन मैनेजिंग कमेटियों में मैनेजर इतने भृष्टाचारी हैं कि वे मिल कर बेचारे निवासीयों का पैसा अँधा धुंध उड़ा रहे हैं और उन्हें कोई पूछने वाला नहीं। अवैध निर्माण कार्य जो जानलेवा प्रदूषण फैलाता है, खुले आम हो रहा है।
तो क्या केजरीवाल जी कॉपरेटिव सोसाइटीज के रजिस्ट्रार को कह कर इस भ्रष्टाचार को भी ख़त्म नहीं कर सकते? तो क्या कर सकते हैं? यदि केजरीवाल जी इतने ही लाचार हैं तो इस्तीफा देकर घर में क्यों नहीं बैठ जाते?
Health – स्वास्थ्य
फिर केजरीवाल जी ने दिल्ली में नए और निशुल्क स्वास्थ्य केंद्रों के बारे में कुछ इस तरह झूठ बोला, कि ऐसी अच्छी सुविधा मिलने का सोच कर हर कोई बीमार होने की ठान लेगा। उन्होंने अपने झूठ को खींच कर अमरीका तक पहुंचा दिया और कहा कि अब तो अमरीका भी केजरीवाल जी से स्वास्थ्य के बारे में सीख सकता है। अंत नहीं इस झूठ का।
लेकिन कहाँ हैं यह स्वास्थ्य केंद? हम भी दिल्ली में रहते हैं। हमें तो अाज तक ऐसा क्यों स्वास्थ्य केंद मीलों तक नहीं दिखा। क्यों नहीं हरेक ऐसे स्वास्थ्य केंद का पता और उसकी सुविधाओं इत्यादि के बारे में एक वेबसाइट पर डाल कर दिल्ली सरकार लोगों को खुले रूप से सूचित करती?
और अगर ऐसे स्वास्थ्य केंद सच में हैं, तो वे केजरीवाल जी की बरसों पुरानी खांसी का इलाज क्यों नहीं कर देते जो अभी तक चल रही है?
अब तो आप को पता चल गया होगा कि केजरीवाल जी कितनी सफाई के साथ झूठ बोलते हैं।
दिल्ली की मुसीबत का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि र.म.न. न्यूज़ सर्विस के एक ऑनलाइन सर्वे के मुताबिक जो अभी जारी है, सिर्फ 11% दिल्ली के लोग ही केजरीवाल जी की दिल्ली सरकार के काम से खुश हैं।
और “Talk To AK” प्रोग्राम देखने के बाद मुझे ऐसे लगा कि इसमें सब स्वाल फ़र्जी थे जो केजरीवाल जी ने खुद बना कर उन लोगों को दिए थे जिनका कोई अता–पता नहीं।
जैसे कि चंडीगढ़ और पंजाब की शिक्षा का सवाल, दिल्ली को पूर्ण राज्य के लिए ओपिनियन पोल का सवाल, गुजरात और पंजाब में चुनाव का सवाल, और कई ऐसे बनावटी सवाल जिनका जवाब केजरीवाल जी ने बड़ी चतुराई से झूठ बोल कर दिया और उन सब लोगों को मुर्ख बनाया जो मुर्ख बनने के लिए तैयार रहते हैं।
सवाल पूछने वालों को सुन कर ऐसा लगा कि केजरीवाल जी ने अपनी तरह के झूठों की एक फ़ौज़ तैयार कर ली है। और यह सब मिलकर अब दिल्ली के साथ–साथ भारत के दूसरे राज्यों में भी लोगों को मुर्ख बनाने का काम जोर–शोर से कर रहे हैं। क्या आप भी मुर्ख बनने के लिए तैयार हैं? मैं तो नहीं।
By Rakesh Raman, who is a government award-winning journalist and runs free schools for deserving children under his NGO – RMN Foundation.